Thursday, August 26, 2010

बारिश का कहर ...

बारिश का कहर


थम गयी दिल्ली, अँधेरे में डूब गयी दिल्ली
मानसून की करीबन एक घण्टे की तूफानी बारिश ने पूरी दिल्ली में कोहराम मचा दिया
राजधानी के नामी गिरामी इलाको में जलभराव की वजह से जाम लग गया
दीवार गिरने और करंट लगने से 12 लोगों को अपनी जाने गवाने पड़ी
इस तूफानी बारिश से राजधानी के सैंकड़ो पेड़ उखड गए और बिजली की तारे टूट गयी
कई इलाको में आधी रात तक बिजली गुल रही
आम आदमी को पांच-पांच घण्टे तक जाम में फंसे रहना पड़ा
जाम लगने की वजह नालों की समय पर सफाई न होना और जलनिकासी का उचित बंदोबस्त न होना है
ये आज की कहानी नहीं है सालों से दिल्ली का यही हाल है
एक घण्टे की बारिश से जब ये हाल हुआ है तो जोरदार मानसून से क्या हाल होगा ? जो भी हो बिगड़ी व्यवस्था का सारा खामियाजा तो आम आदमी को ही भुगतना पड़ रहा है
दिल्ली सरकार जहाँ मानसून से निपटने का दावा कर रही है
वहीं मौजूदा स्थिति ने दिल्ली सरकार के तमाम दावों को खोखला साबित कर दिया है
पी डब्ल्यू डी और एम सी डी दोनों एक दूसरे जवाबदेह ठहरा को रहे है
राजधानी में कुछ ही दिनों में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन होना है अगर हालात इसी तरह बदतर रहे तो वहां भी की मिट्टी पलीद होना तय है
आम आदमी के साथ का दावा करने वाली सरकार को जल्द ही कदम उठाने की जरुरत है

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